Published On: Sat, Jul 2nd, 2016

सुप्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर में आने वाले हर भक्त को मिलेगा प्रभु का प्रसाद

सुप्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को अब प्रभु का प्रसाद मिलेगा। प्रबंध कमेटी द्वारा मंदिर एवं उसके आसपास प्रसाद काउंटर खोले जाएंगे। मंदिर की व्यवस्थाएं और बेहतर बनाने एवं भक्तों को दी जाने वाली कई सुविधाओं का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है।

शुक्रवार को बांकेबिहारी मंदिर की नवीन प्रबंध कमेटी ने चार्ज संभाल लिया। कमेटी के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने ठा. बांकेबिहारी और भक्तों की सेवा का संकल्प लिया। मंदिर प्रबंध कमेटी के उपाध्यक्ष रजत शर्मा एवं सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि कमेटी द्वारा कई बड़ी योजनाएं तैयार की गई हैं। आगामी बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद कार्य शुरू किए जाएंगे। इनमें प्रमुख रूप से यह है कि मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को प्रभु का प्रसाद देने की तैयारी है। इसके लिए जगह-जगह काउंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा डेढ़ सौ वर्ष पुराने मंदिर सहित मंदिर की अन्य सम्पत्तियों का जीर्णोद्धार और सुधार कार्य किया जाएगा, ताकि उन्हें मंदिर और भक्तों के उपयोग में लाया जा सके।

मोहन बाग में शनिवार को हुई पत्रकार वार्ता में मंदिर प्रबंध कमेटी के उपाध्यक्ष रजत गोस्वामी, सदस्य दिनेश गोस्वामी, घनश्याम गोस्वामी के साथ प्रबंध कार्यालय के कर्मचारी भी उपस्थित थे।

भक्तों के लिए आरओ का पानी की सुविधा

मंदिर प्रबंधन ने हाल ही में प्रभु बांकेबिहारी के भक्तों के लिए शुद्ध और शीतल पेयजल की व्यवस्था की है। जिसमें दो हजार लीटर प्रति घंटे जल को शोधन करने वाली आरओ मशीन लगाई है। इसके साथ ही चिलर सिस्टम भी लगाया गया है। पेयजल की व्यवस्था मंदिर के एक और तीन नंबर पर गेट पर की गई है।

मंदिर का बेस होगा मजबूत

प्राचीन बांकेबिहारी मंदिर में कई वर्ष पूर्व लगाई गई रेलिंग से कुछ स्थानों पर फर्श कमजोर हो गया है। मंदिर प्रबंधन जल्द ही प्राचीन मंदिरों में विशेषज्ञों के जरिए ऐसे स्थानों को चिह्नित कर सुधार कार्य कराएगा। बेस की मजबूती का काम जल्द शुरू होगा। मंदिर की कच्ची रसोई में सुधार कार्य निरंतर चल रहा है। मंदिर के उपाध्यक्ष रजत गोस्वामी और पूर्व उपाध्यक्ष घनश्याम गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान समय ठा. बांकेबिहारी के लिए स्वर्ण सिंहासन बनाने की कोई योजना नहीं है। न ही इस संदर्भ में किसी तरह का प्रस्ताव मंदिर प्रबंधन ने बताया है। मंदिर के साथ मोहन बाग व अन्य मदिरों के भवनों में सुधार होगा।

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