बांग्लादेश में पिछले एक महीने में चार हिंदू अल्पसंख्यकों की हत्या
बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा की जा रही हत्याओं का सिलसिला बदस्तूर जारी है. आज सुबह यहां के झिन्याद जिले में कुछ लोगों ने एक हिंदू पुजारी की गला रेत कर हत्या कर दी. झिन्याद के स्थानीय पुलिस प्रमुख हसन हाफिज़ुर रहमान के मुताबिक शुक्रवार सुबह पुजारी श्यामनंद दास पूजा के लिए फूल लाने गए थे, तभी मोटरसाइकिल से आए तीन युवकों ने उन पर धारदार हथियार से हमला किया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
रहमान के मुताबिक पुलिस ने हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है. हालांकि, अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है. लेकिन, पुलिस हत्या के तरीके को देखते हुए इसमें स्थानीय कट्टरपंथियों का हाथ मान रही है.
बांग्लादेश में पिछले एक महीने में हिंदू अल्पसंख्यकों की हत्या की यह चौथी घटना है. इससे पहले 11 जून को यहां के पबना जिले में एक हिंदू आश्रम के कर्मचारी की इसी तरह हत्या कर दी गई थी. इसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएस ने ली थी. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में पिछले साल जनवरी से अब तक कट्टरपंथी 40 से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुके हैं जिनमें सबसे ज्यादा हिंदू अल्पसंख्यक शामिल हैं. मुस्लिम बहुसंख्यक इस देश में आठ फीसदी के करीब हिंदू रहते हैं.
नाइजीरिया में शोर के चलते सरकार ने मस्जिदों और चर्चों को बंद करवाया
अफ्रीकी देश नाइजीरिया के कई शहरों में सरकार ने शोर के चलते धार्मिक स्थलों और कई होटलों पर ताले लगवा दिए हैं. यहां के व्यावसायिक शहर लागोस के एक अधिकारी ने बताया कि दो करोड़ की आबादी वाले इस शहर के लोग भारी ट्रैफिक जाम और धार्मिक स्थलों से होने वाले शोरगुल से परेशान हैं. उनके मुताबिक लागोस इस समय अफ्रीकी देशों में सबसे तेजी से प्रगति करने वाला औद्योगिक शहर है और इस कारण सरकार प्रदूषण की शिकायतों को दरकिनार नहीं कर सकती.
Lagos shuts churches, mosques over noise https://t.co/O9mZqhxRmc
— The Express Tribune (@etribune) July 1, 2016
लागोस की सरकारी पर्यावरण एजेंसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘लागोस सहित कई शहरों में चर्च और मस्जिदों को लाउडस्पीकर हटाने के लिए कहा गया था, लेकिन इन्होने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसी कारण अब सरकार ने इन्हें बंद करने का फैसला किया है.’ खबरों के अनुसार सरकार ने लागोस और उसके आसपास के कई शहरों के 70 चर्च, 20 मस्जिदों और 11 होटलों को बंद करवा दिया है.
टेस्ला की स्वचालित कार से पहली बार दुर्घटना, चालक की मौत
इलेक्ट्रिक कारें बनाने वाली मशहूर कंपनी टेस्ला की स्वचालित तकनीक वाली कार से पहली बार एक चालक की मौत हुई है. कंपनी ने खुद एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. टेस्ला ने कहा है कि बीती 7 मई को उसकी एक कार ‘ऑटो पायलट’ मोड में जा रही थी तभी दूसरी तरफ से आ रहा एक ट्रैक्टर अचानक बायीं ओर मुड़ गया जिससे यह दुर्घटना घट गई. कंपनी के मुताबिक, ‘सूरज की तेज रोशनी की वजह से ऑटो पायलट सेंसर और कार चालक दोनों ही ट्रैक्टर के सफेद हिस्से को नहीं देख पाए.’
इस घटना के बाद अमेरिका की संघीय सरकार ने ऐसी गाड़ियों की सुरक्षा जांच के आदेश दे दिए हैं. जांच के आदेश जारी होने के बाद टेस्ला ने सरकार से मांग की है कि यह एक प्रारंभिक जांच हो जिसमें यह तय किया जाए कि कार की स्वचालित प्रणाली अपेक्षाओं के अनुरूप काम कर रही थी या नहीं? कंपनी ने दलील दी है कि अमेरिका में अाम वाहनों से हर 9.4 करोड़ मील पर जबकि विश्वभर में हर 6 करोड़ मील पर एक मौत होती है. जबकि टेस्ला के ऑटो पायलट मोड में गाड़ियां 13 करोड़ मील से ज्यादा दूरी तय कर चुकी हैं और उनसे हुई यह पहली दुर्घटना है.
टेस्ला ने अपनी गाड़ियों में स्वचालित तकनीक पिछले साल ही शुरू की थी. इसमें लेन बदलने, गति प्रबंधन करने और ब्रेक लगाने जैसी तमाम चीजों को वाहन स्वत: ही नियंत्रित करता है.