कैराना कश्मीर नहीं, भाजपा ने किया दल का गठन
दिल्ली, जून 13, 2016: उत्तर प्रदेश भाजपा ने एक 9 सदस्य की एक टीम का गठन किया है जो भाजपा सदस्य हुकुम सिंह की अध्यक्षता में कैराना से पलायन करते हिंदू परिवारों की व्यथा सुनेगी और पूरे मामले की जाँच करेगी|
इससे पहले मानव अधिकार आयोग ने भी समाजवादी पार्टी की सरकार को कैराना के मुद्दे पर नोटिस जारी कर दिया था|
भाजपा के नेता हुकुम सिंह इस मुद्दे पर सबसे पहले बोलने वाले व्यक्ति थे| उन्होने ये दावा किया था की 346 हिंदू परिवारों को कैराना छोड़ कर जाना पड़ा है|
Gaddars who? Muslims or 90% Hindus dominating all political parties, State, Centrlgovt,beurocrates, Police #WhySilenceOnHinduExodus #Kairana
— abhijeet (@abhijeetsinger) June 12, 2016
कैराना में मुस्लिम जनसंख्या 92% हो गयी है, जबकि हिंदू मात्र 8% ही रह गये हैं|
#कैराना के विस्थापित हिंदुओं की घर वापसी मुलायम सरकार में संभव है? कश्मीरी पंडितों की तरह उन्हें भी दशको इंतजार करना होगा? #StopHinduExodus
— शिवशंकर (@ShivshankarS) June 11, 2016
भाजपा ने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश में शासन करती समाजवादी पार्टी की तुष्टिकरण की राजनीति पर भी कड़े वार किए हैं| पर बाकी राजनीतिक पार्टियाँ इस मुद्दे पर बोलने से बच रही हैं, ये चुप्पी शायद मुस्लिम वोटबैंक को मद्देनज़र रख कर रखी जा रही है जो किसी भी पार्टी का भाग्य बदलने की ताक़त रखता है यहाँ|
It’s #Exodus of #Hindus from #Kairana (U.P) & not migration same as the exodus of #KashmiriPandits.
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 12, 2016
मथुरा कांड के बाद उठा कैराना का मुद्दा अत्यंत संवेदनशील है क्यूंकी इसको कश्मीर हिंदू विस्थापन की तरह का ही माना जा रहा है|
It’s good you have been raising this issue but once again our MSM failed and ignored #Kairana https://t.co/nE53je921d
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) June 10, 2016
पर यहाँ एक बात अच्छी है की आम जनता इस मुद्दे पर लगातार सरकार पर दबाव बनाए हुए है और दोषियों को सज़ा दिलाने की माँग पर आदि है, इसीलिए कम से कम यहाँ न्याय होने की पूरी आशा है|
#Kairana is a mirror to future of India if minority pandering is not stopped in name of distorted #secularism https://t.co/YJvOs7h5Zz
— Ratan Sharda (@RatanSharda55) June 11, 2016
इससे पहले जागरण ने भी कुछ इसी तरह की खबर चर्थावाल, मुज़्ज़फरनगर, से दी थी जो कुछ इस तरह थी की दाढेडू कला गाँव के रविदास मंदिर में लाउडस्पिकर पर भजन बजाने पर दूसरे संप्रदाय ने हमला करके मंदिर का माइक तोड़ कर फेंक दिया था क्यूंकी वो अज़ान के समय भजन बजाने के विरोध में थे| तब चर्थावाल थाने में दोनो पक्षों ने ये आपस में मिल बैठ कर ये लिख कर दिया गया की अज़ान के 10 मिनट बाद ही मंदिर में भजन बजाया जाएगा| ऐसे कई मामले प्रदेश का माहौल खराब कर रहे हैं|