Published On: Sat, Jul 23rd, 2016

श्रावण महोत्सव :महाकालके आंगन मेंनृत्य व संगीतकी रस वर्षा

उज्जैन. बाबा महाकालेश्वर की नगरी में श्रावण मास का खास महत्व है। इस दौरान महाकाल के आंगन में शास्त्रीय गायन, नृत्य और वादन की रस वर्षा से गुंजायमान होगा। कला जगत के कलाकार अपनी कला से राजाधिराज महाकाल की आराधना करेंगे। महोत्सव की संगीतमय संध्या की शुरुआत श्रावण कृष्ण पंचमी रविवार 24 जुलाई से होगी।
प्रथम संध्या में एकल तबला की प्रस्तुति
महोत्सव की प्रथम संध्या में वाराणसी के प्रवीण उद्धव एकल तबला की प्रस्तुति से आराधना करेंगे। इसी दिन मुंबई की अश्विनी भिड़े देशपाण्डे शास्त्रीय गायन और मुंबई की सुधा चन्द्रन भरतनाट्यम की प्रस्तुति देंगी। इसी क्रम में श्रावण मास के प्रत्येक रविवार को बाबा के आंगन में संगीतमय संध्या का आयोजन होगा।
महोत्सव में ये भी देंगे प्रस्तुति
श्रावण महोत्सव की संध्या में हर रविवार देशभर के कलाकार प्रस्तुति देंगे। महोत्सव की दूसरी संध्या 31 जुलाई को होगी। इसमें ओडि़शा की सुजाता मोहपात्रा ओडिशी नृत्य, सरिता महाकर्ग उपशास्त्रीय गायन व नई दिल्ली के पं. रविशंकर उपाध्याय पखावज की प्रस्तुति से महाकाल की आराधना करेंगे। महोत्सव की तीसरी संध्या 14 अगस्त को होगी। इसमें मुबंई की प्रसिद्ध भजन गायिका अनुराधा पौड़वाल उपशास्त्रीय गायन, नई दिल्ली की शैलजा नलवाड़े कथक व नगर के देवांशु यादव बांसुरी की प्रस्तुति देंगे। इसी क्रम में 21 अगस्त को चौथी संध्या में नई दिल्ली की राजेन्द्र गंगानी कथक, कोलकोता की रनिता डे शास्त्रीय गायन व शहर के राजेन्द्र व्यास वायलिन की प्रस्तुति देंगे। महोत्सव की आखिरी संध्या 28 अगस्त को होगी। इसमें नई दिल्ली की समीक्षा शर्मा कथक, नगर के योगेश देवले शास्त्रीय गायन व माधुरी कोडपे कथक और सूरत की जिया जरीवाला भरतनाट्यम की प्रस्तुति से बाबा महाकाल की आराधना करेंगे।

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>