तीन पीढ़ियों से जोत रहे मंदिर की 400 बीघा जमीन, हटेगा अतिक्रमण
जिन मंदिरों की जमीन को अतिक्रमण की तीन पीढिय़ों से जोता जा रहा है उनमें अंबाह का जयेश्वर महादेव मंदिर, वार्ड 18 स्थित हनुमान मंदिर, थरा का महादेव मंदिर, मधुपुरी कालोनी का मुरलीमनोहर मंदिर व महंत की पूठ स्थित रामजानकी मंदिर की जमीन शामिल हैं।इसके अलावा बाबा कपूर की दरगाह से लगी 12 बीघा पुख्ता जमीन पर भी अतिक्रमण है। उक्त मंदिर प्राचीन होने के कारण उनके पुजारियों के पास अब तीन से पांच बीघा जमीन बची हैं। उससे होने वाली आय से मंदिरों का रख-रखाव व जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा है।
प्रसाद व पोशाक के लाले : प्राचीन मंदिरों से 500 बीघा से अधिक जमीन लगी है। फिर भी मंदिरों के पुजारी भगवान का भोग लगाने व उनकी पोशाक बदलने के लिए भक्तों के चढ़ावे का इंतजार करते हैं। कारण है कि मंदिर से लगी जमीनोंं पर अतिक्रमण होने के कारण उससे होने वाली आय को अतिक्रामक अपनी जेबों में भर रहे हैं।
खेतों में चलेगी हिटैची
तहसीलदार मनीषा कौल के मुताबिक, प्रशासन ने मंदिर की जमीनों से अतिक्रमण साफ कराने के लिए अतिक्रामकों को नोटिस जारी किए हैं। सात दिवस की अवधि में उन्होंने जमीनो से कब्जा नहीं छोड़ा तो खेतों में हिटैची चलाकर अतिक्रमण साफ कराया जाएगा। मौके पर उपस्थित मिले अतिक्रामकों को जेल भेजा जाएगा। लंबे अरसे से जो लोग मंदिर की जमीनों के बलात कब्जा जोत रहे हैं वह फसलों से प्राप्त आय एक सुनिश्चित हिस्सा, पुजारी व तहसीलदार के संयुक्त बैंक खाते में जमा नहीं करा रहे हैं। पैसा न होने से मंदिरों का जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा है।
अंबाह में मंदिर से लगी जमीन में बोवनी को उजाड़ता राजस्व विभाग का अमला।
किस मंदिर की कितनी जमीन पर अतिक्रमण
जयेश्वर महादेव मंदिर : 36 बीघा जमीन में से 21 बीघा पर अतिक्रमण। अतिक्रामकों की संख्या : 40
हनुमान मंदिर : 36 बीघा जमीन में से 33 बीघा पर अतिक्रमण। अतिक्रामकों की संख्या : 20
थरा का महादेव मंदिर : 11 करोड़ 44 लाख रुपए कीमत की 45 बीघा जमीन पर अतिक्रमण।
अतिक्रामकों की संख्या : 15
मधुपुरी कालोनी का मुरलीमनोहर मंदिर : 15 बीघा जमीन में से 10 बीघा पर अतिक्रमण।
अतिक्रामकों की संख्या : 03
महंत की पूठ स्थित रामजानकी मंदिर : 150 बीघा जमीन में से 110 बीघा पर अतिक्रमण।जिसमें से 25 बीघा पर अतिक्रमण हटाया जा चुका है।
अतिक्रामकों की संख्या : 41