ढाका आतंकी हमले के संदिग्ध आतंकवादियों को पनाह देने के मामले में एक प्रोफेसर, दो अन्य गिरफ्तार | Zee News Hindi
ढाका: बांग्लादेश के एक निजी विश्वविद्यालय के कार्यवाहक उपकुलपति और दो अन्य लोगों को इस्लामिक स्टेट के उन संदिग्ध आतंकवादियों को पनाह देने के मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने ढाका के एक कैफे में भीषणतम आतंकवादी हमले को अंजाम देकर 22 लोगों को जान से मार दिया था।
ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के उपायुक्त मसूदउर रहमान ने कहा,‘होली आर्टिजन बेकरी पर हमला करने वाले हमलावरों को फ्लैट किराए पर देने वाले नार्थ साउथ यूनिवर्सिटी (एनएसयू) के कार्यवाहक उपकुलपति गयासुद्दीन अहसन को कल गिरफ्तार कर लिया गया।’ निजी विश्वविद्यालय की वेबसाइट के मुताबिक अहसन एनएसयू के स्कूल ऑफ हेल्थ एंड लाइफ साइंसेज के डीन हैं।
अहसन के रिश्तेदार आलम चौधरी और बसुंधरा आवासीय क्षेत्र में एक घर के प्रबंधक महबूबउर रहमान तुहीन को भी गिरफ्तार किया गया है।उन्होंने बताया कि जिन पांच आतंकवादियों ने एक जुलाई को कैफे पर हमला किया था उन्होंने अहसन के फ्लैट में शरण ली थी।पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले के बाद हमलावरों के अन्य सहयोगी फ्लैट से भाग गये। फ्लैट से कई कार्टन बरामद किए गए थे।
पुलिस को संदेह है कि हमले में इस्तेमाल किये गये ग्रेनेडों को रखने के लिए कार्टन का इस्तेमाल किया गया होगा। हमले में एक भारतीय, दो पुलिसकर्मियों सहित बंधक बनाए गए कम से कम 20 लोग मारे गये थे। सुरक्षा बलों ने बंधकों को रिहा कराने के लिए की गयी छापेमारी में छह लोगों को मार गिराया था। इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। हालांकि अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया था।
पुलिस द्वारा मारे गये आतंकवादियों में से एक एनएसयू का छात्र था। उसके परिवार ने बताया कि वह महीनों से गायब था।अहसान के रिश्तेदार आलम और प्रबंधक तुहीन को किराए पर फ्लैट देने का काम सौंपा गया था।
रहमान ने बताया, ‘लेकिन उन्होंने किराए पर फ्लैट देते समय किराएदारों की जानकारी जुटाने के लिए डीएमपी के निर्देश का अनुसरण नहीं किया।’ उन्होंने बताया कि हमले की जांच कर रही पुलिस की आतंकवाद निरोधी इकाई ने तीनों को गिरफ्तार किया है।इकाई के उपायुक्त सैफुल इस्लाम ने बीडीन्यूज 24डॉट कॉम को बताया कि मई में एक व्यक्ति ने किराए पर फ्लैट लिया था। उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि वह जमातउल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) का एक सदस्य था।
इस बीच, खबरों में बताया गया है कि एनएसयू के एक शिक्षक हसनत रेजा करीम भी बंधकों में से एक थे। प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन हिज्बउत तहरीर से संबंध की खबर के कारण उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।उनके परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अन्य बंधकों के साथ उन्हें रिहा नहीं किया और तब से उनका कुछ पता नहीं है।गुलशन में हमले के बाद पुलिस ने महीनों से लापता उन 10 युवकों की एक सूची जारी की थी जिनके आतंकवाद से तार जुड़े होने का संदेह है।
इनमें से दो युवक- मोहम्मद बशरूज्जमान राजशाही के और जुन्नून शिकदर ढाका स्थित जिगटोला के रहने वाले हैं। ये एनएसयू के छात्र भी हैं। बंग्लादेश के सबसे बड़े धार्मिक समूह पर दूसरे बड़े हमले में शामिल हमलावरों में से एक की भी पहचान एनएसयू के छात्र अबीर रहमान के रूप में की गयी है। ब्लॉगर और गणजागरण मंच के कार्यकर्ता अहमद रजीब हैदर की 2013 में हत्या के बाद विश्वविद्यालय जांच के घेरे में है। उनके हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये सभी लोग विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रानिक्स एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (ईईई) के छात्र थे।