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16वीं शताब्दी में बने इस मंदिर में है ऐसा खंभा जो नहीं टिका है जमीन से

भारत में कई ऐसी चौंका देने वाली जगहें हैं जहां जाकर आपको अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होगा। जी, हां कुछ ऐसा ही नजारा है सोलहवीं शताब्दी में बने आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी मंदिर का। इस मंदिर में एक ऐसा खंभा है जो जमीन से टिका हुआ नहीं है। कई वैज्ञानिक और इंजीनियर इसके रहस्य का पता नहीं लगा पाए।

यह मंदिर एक ऊंचे पर्वत पर बना है। इस मंदिर का नाम लेपाक्षी क्यों पड़ा इसके पीछे भी कई कहानियां हैं। लेपाक्षी का मतलब होता है ‘राइस बर्ड, इस मंदिर का रिश्ता धार्मिक ग्रंथ रामायण से भी जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि जब रावण सीता का हरण करके लंका ले जा रहा था तो इसी जगह पर पक्षी जटायु ने रावण का रास्ता रोका था। रावण और जटायु का युद्ध इसी जगह हुआ था और बताया जाता है कि यहां उस युद्द से जुड़े कुछ निशान भी मौजूद हैं। हालांकि युद्ध में जटायु घायल हो गया था।

इस मंदिर में आने वाली श्रद्धालु इस खंभे के नीचे कपड़ा आर-पार करके बिछाते हैं ऐसा माना जाता है कि इससे उनके जीवन में संपन्नता आती है।

इस मंदिर के खंभों और दीवारों पर बेहद सुंदर कलाकृति बनी हुई है। लेकिन आजतक कोई भी वैज्ञानिक इस खंभे के जमीन पर न टिके होने की तकनी क नहीं समझ पाया है। यहां तक कि कई ब्रिटिश इंजिनियर भी इसका पता लगाने आए लेकिन हैरत से वापस लौट गए।

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